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Tuesday, November 15, 2011

पहला पॉडकास्ट

बहुत ज्यादा सोचने से हम अक्सर काम करने से चूक जाते हैं...मेरा कई दिनों से पॉडकास्ट करने का मन कर रहा था...पर एक तो लगता था की आवाज़ अच्छी नहीं है...और टेक्नीकल परेशानी भी लगती थी.

ये पहला पॉडकास्ट है...जैसा कि समझा जा सकता है...परफेक्ट के आसपास भी नहीं फटकता...कुछ गलतियाँ भी हैं इसमें...थोड़ा अटकना भी. पर शुरुआत ऐसे ही तो होती है.

कुछ दिनों में ठीक ठाक होने लगेंगी चीज़ें ऐसा मुझे यकीन है...तो मेरी तरफ से थोड़ी सी खुशियाँ...चुटकी भर.


12 comments:

mukti said...

welcome dear ! बहुत दिनों से तुम्हें फोन करने को सोच रही थी, अभी एकतरफा बकबक सुन लें, उसके बाद फोन करके दोनों बकबक करेंगे:)
क्योंकि हमारे साथ भी यही प्रोब्लम है कि बोलना बहुत कुछ चाहते हैं, पर सुनने वाला कोई नहीं मिलता. इसीलिये पिल्ला पाल लेते हैं और उससे खूब बातें करते हैं. जब किसी दिन कोई शाम को आ जाता है, तो उसकी खैर नहीं क्योंकि उस वक्त हम सबसे ज्यादा ऐक्टिव होते हैं और सामने वाला हमारी इस फितरत का शिकार बन जाता है :)

Abhishek Ojha said...

अलाय-बलाय :)

abhi said...

जिस एरिया में मैं रहता हूँ आप इधर शिफ्ट हो जाईये खूब सारा हिंदी सुनने को मिलेगा और एकदम बिहार टाईप खाना वाना, समोसा-कचोड़ी\
सब मिलेगा :P

जल्दी से नया नया और कूई पॉडकास्ट डालते रहिये!! :)

Puja Upadhyay said...

ऐसा किधर रहते हो, शिफ्ट तो नहीं करेंगे...ई वाला घर बहुत्ते पसंद है...मगर घूमने आ जाएंगे और समोसा कचौरी खाने। वैसे जीवनबीमा नगर में एक ठो दुकान है...यही संडे वहाँ पूरी सब्जी और कचोड़ी खा के आए हैं...पूरा दुकान बिहारी लोग का है...मज़ा आ गया था। उधर सत्तू का पराठा भी मिलता है, जल्दी ही उसको भी ट्राइ करेंगे :D

abhi said...

हाँ वईसा दूकान इधर भरा हुआ है...एक ठो मेस में हर सन्डे को तो रात में लिट्टी बनाता है...एकदम मस्त वाला..मतिखेरे एरिया कहते हैं इसको...न्यू बी.ई.एल रोड, रमैया कॉलेज के पास...स्टूडेंट इलाका है न इसलिए बहुत सा बिहारी दूकान, मेस सब उपलब्ध है...

सबसे बढ़िया बात तो एगो दूकान में बिहारी+सॉउथ इंडियन तरीका वाला खिलाता है...प्लेन डोसा के साथ सब्जी और भुजिया और साम्भर :P :P

ब्लॉ.ललित शर्मा said...

हमारी गिनती भूले भटकों में ही कीजिए, जो भटक कर, छटक कर इधर आ पहुंचे। अब आगे कोई पॉडकास्ट लगे तो फ़िर सुने। :)

अनुपमा पाठक said...

Nice listening to you... your voice is also charming as the voice of your pen is:)
अपनी इस दोस्त की भलाई करने का आपके पास पूरा मौका है.... नेकी कर दरिया में डालने types माहौल भी बन ही रहा है... यहाँ sweden में हमें भी हिंदी सुनने को नहीं मिलता... आपका अलाय बलाय हमें पसंद भी है बहुत... सो थोड़ी सी मेहनत करिए मेरे लिए और जल्दी ही दूसरी पोस्ट के साथ उपस्थित होईये अपने इस ब्लॉग पर!!!
If you wish to shower me with your lovely mail, here is my email id-
anupama623@gmail.com

see u then!!!

Smriti Sinha said...

loved it! loved it! loved it!
लेकिन अब तक सिर्फ एक ही क्यूँ है?
और चाहिए...और चाहिए...
हमारी माँगें पूरी करो...

दर्पण साह said...

You are just awesome. Fast ! Nonstop !! Unplugged !!!

And we are always surprisingly-happy ! :-)

दर्पण साह said...

Fast ! Nonstop !! Unplugged !!!

...And then there is word verification. :-(

Puja Upadhyay said...

Strangely enough I kind find the disable word verification...will disable it soon...running to pack for my yearly chhutti...till then...please bear with me. Sorry and thanks.

प्रवीण पाण्डेय said...

Really nonstop...Great