हमारा सीक्रेट सैंटा कहता है कि त्योहारों के दिन हैं...खुशियाँ बांटो...तो यहाँ है गिफ्ट...
Puja Nonstop
Monday, December 17, 2012
Monday, January 30, 2012
दिल्ली की यादें, घनघोर सेंटीपना विथ लोटस ऑफ़ बकवास
इस बार बहुत सी बकवास बातें हैं...शाम में बैठ कर जितनी बक-बक करने का मन किया सब रेकोर्ड कर दिए...ध्यान रखिये कि आप ये ब्लॉग एकदम अपने पूरे रिक्स पर पढ़ रहे हैं :)
यहाँ कोई गारंटी नहीं है...क्या है कि इन्टरनेट पर बहुत सा सन्नाटा है...तो हमने अपनी आवाज़ से थोड़ा ठहरे हुए पानी में कंकर/पत्थर/ढेला मारने की कोशिश की है :)
और हाँ...शुरुआत में जो गाना है वो बहुत ख़राब है...उसका बुराई कोई नहीं करेगा ठीक है?
Thursday, January 12, 2012
हाय तेरा गुस्सा!
ओके जी...हम फिर से आ गए...अब इतना तो हमको समझ में आ ही रहा है कि हमें कोई सुन नहीं रहा...इस बात से हमारी हिम्मत और बढ़ गयी है...वो क्या है न कि जब लोग आपको देखते हैं तो आप नर्वस हो जाते हैं...पर कोई देखने वाला नहीं होता है तो आप एकदम मन से गाते हैं...वो गाना सबसे अच्छे भले न हो...मुझे बड़ा भला सा लगता है :)
वैसे आज का टोपिक है गुस्सा...अक्सर होता है न कि कोई मुंह फुलाए बैठा है...तो उसे कैसे मनाया जा सकता है? सुनो सुनो! :)
और मैं जिस गाने की बात कर रही हूँ वो आप यहाँ सुन सकते हैं...
वैसे आज का टोपिक है गुस्सा...अक्सर होता है न कि कोई मुंह फुलाए बैठा है...तो उसे कैसे मनाया जा सकता है? सुनो सुनो! :)
और मैं जिस गाने की बात कर रही हूँ वो आप यहाँ सुन सकते हैं...
Tuesday, January 10, 2012
कच्ची आवाजें...
कच्ची आवाजें...किसी शाम को तोड़ी गयीं...अहसास की टहनियों से...कोहरे भरी सड़कों की तलाश में...
Tuesday, November 15, 2011
पहला पॉडकास्ट
बहुत ज्यादा सोचने से हम अक्सर काम करने से चूक जाते हैं...मेरा कई दिनों से पॉडकास्ट करने का मन कर रहा था...पर एक तो लगता था की आवाज़ अच्छी नहीं है...और टेक्नीकल परेशानी भी लगती थी.
ये पहला पॉडकास्ट है...जैसा कि समझा जा सकता है...परफेक्ट के आसपास भी नहीं फटकता...कुछ गलतियाँ भी हैं इसमें...थोड़ा अटकना भी. पर शुरुआत ऐसे ही तो होती है.
कुछ दिनों में ठीक ठाक होने लगेंगी चीज़ें ऐसा मुझे यकीन है...तो मेरी तरफ से थोड़ी सी खुशियाँ...चुटकी भर.
ये पहला पॉडकास्ट है...जैसा कि समझा जा सकता है...परफेक्ट के आसपास भी नहीं फटकता...कुछ गलतियाँ भी हैं इसमें...थोड़ा अटकना भी. पर शुरुआत ऐसे ही तो होती है.
कुछ दिनों में ठीक ठाक होने लगेंगी चीज़ें ऐसा मुझे यकीन है...तो मेरी तरफ से थोड़ी सी खुशियाँ...चुटकी भर.
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