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Tuesday, November 15, 2011

पहला पॉडकास्ट

बहुत ज्यादा सोचने से हम अक्सर काम करने से चूक जाते हैं...मेरा कई दिनों से पॉडकास्ट करने का मन कर रहा था...पर एक तो लगता था की आवाज़ अच्छी नहीं है...और टेक्नीकल परेशानी भी लगती थी.

ये पहला पॉडकास्ट है...जैसा कि समझा जा सकता है...परफेक्ट के आसपास भी नहीं फटकता...कुछ गलतियाँ भी हैं इसमें...थोड़ा अटकना भी. पर शुरुआत ऐसे ही तो होती है.

कुछ दिनों में ठीक ठाक होने लगेंगी चीज़ें ऐसा मुझे यकीन है...तो मेरी तरफ से थोड़ी सी खुशियाँ...चुटकी भर.